लॉकडाउन में नंबर-1 खिलाड़ी ड्राई शूटिंग कर रहे हैं ताकि एकाग्रता बढ़े, कहा- ट्रेनिंग का तरीका बदला, लेकिन लक्ष्य नहीं

लॉकडाउन में नंबर-1 खिलाड़ी ड्राई शूटिंग कर रहे हैं ताकि एकाग्रता बढ़े, कहा- ट्रेनिंग का तरीका बदला, लेकिन लक्ष्य नहीं Number-1 players are shooting dry in lockdown to increase concentration, said - changed the way of training, but not the goal
जब देशभर में लॉकडाउन चल रहा है, तब भी शूटर ओलिंपिक की तैयारी में जुटे हैं। दुनिया के नंबर-1 राइफल शूटर दिव्यांश सिंह पंवार और एलावेनिल वलारिवान एकेडमी तो जा नहीं सकते, इसलिए घर पर ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। दोनों इन दिनों ड्राई शूटिंग कर रहे हैं। खिलाड़ी कहते हैं- कोरेानावायरस के कारण हमारी ट्रेनिंग का तरीका बदला है, लेकिन लक्ष्य नहीं।
ड्राई शूटिंग और उसके फायदे
ड्राई शूटिंग में निशानेबाज अपने हाथ में वैपन लेकर दीवार के किसी प्वाइंट पर टारगेट करता है, लेकिन गन खाली होती है। यहां निशानेबाज टारगेट सेट करता है और निशाना लगाता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है। निशाना भी पक्का होता है। वैपन और बॉडी के बीच संतुलन स्थापित होता है। लंबे समय तक वैपन होल्डिंग में मदद मिलती है।
एलावेनिल स्पोर्ट्स साइकाइट्रिस्ट के सेशन ले रहीं
वर्ल्ड रैंक हासिल होने से आत्मविश्वास बढ़ता है। नंबर-1 बनने का सफर आसान नहीं रहा। एकेडमी की पूरी टीम, मेंटर गगन नारंग सर और कोच नेहा हर कदम पर मेरे साथ थे। वायरस की वजह से तैयारी का प्रोसेस जरूर बदल गया है, लेकिन लक्ष्य अब भी वही है- ओलिंपिक। मैं खुशनसीब हूं कि शेड्यूल मेरे मेंटर, कोच ने तय किया। मुझे तो सिर्फ उस शेड्यूल को फॉलो करना था। इन दिनों मैं योग, फिजिकल वर्कआउट के साथ-साथ मेंटल ट्रेनिंग और ड्राई शूटिंग कर रही हूं। मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए स्पोर्ट्स साइकाइट्रिस्ट के सेशन भी ले रही हूं। एक खेल के तौर पर शूटिंग आपको अकेला महसूस करा सकता है। फायरिंग लाइन में आप अकेले ही होते हो। हर शॉट के लिए खुद जिम्मेदार। इस लॉकडाउन ने मुझे वक्त दिया कि मैं अपने रूटीन को थोड़ा ठीक करूं और ट्रेनिंग शेड्यूल पर लौटने के लिए तैयार रहूं। मेरा शेड्यूल ऐसा प्लान किया गया है कि उसमें रिकवरी और रेस्ट दोनों के लिए गुंजाइश है।’
दिव्यांश फिटनेस के लिए बैडमिंटन और खो-खो खेलते हैं
वर्ल्ड नंबर-1 रैंकिंग दो साल की मेहनत का नतीजा है। मैं सुबह 5 बजे उठकर 7 बजे तक फिजिकल वर्कआउट करता। इसके बाद 9 से 2 बजे तक शूटिंग की ट्रेनिंग। इसमें रोज का शेड्यूल अलग-अलग होता। शाम में फिटनेस के लिए बैडमिंटन खेलता था। नंबर-1 रैंकिंग हासिल करने से ज्यादा मुश्किल इसे बरकरार रखना है। फिलहाल आेलिंपिक की तैयारी में जुटा हूं। लॉकडाउन के कारण सभी शूटिंग रेंज बंद हैं। ऐसे में घर में ही कोच दीपक दुबे की देखरेख में ट्रेनिंग करता हूं। वे घर के पास रहते हैं। अभी गन होल्डिंग टेक्नीक (ड्राई शूटिंग) पर फोकस कर रहा हूं। फिटनेस के लिए अपार्टमेंट मेें नीचे ही बैडमिंटन और खो-खो जैसे गेम खेलता हूं। ओलिंपिक टलने से मुझे मेहनत और प्रदर्शन में सुधार करने का और ज्यादा समय मिल गया है। लॉकडाउन से 30 फीसदी प्रदर्शन डाउन होगा। लेकिन सही तरीके से ट्रेनिंग लेकर उसे ठीक किया जा सकता है। मैं मानसिक थकान दूर करने के लिए रोजाना डेढ़-दो घंटे गिटार बजाता हूं।’



आईएसएसएफ वर्ल्ड रैंकिंग 20 साल की एलावेनिल वलारिवान के 1323 पॉइंट हैं। वे पहले नंबर पर बनी हुई हैं। -फाइल फोटो

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