दुनियाभर में हर 5 में से 4 लोग लॉकडाउन से प्रभावित, भारत के करीब 40 करोड़ मजदूर हो सकते हैं और गरीब : रिपोर्ट

दुनियाभर में हर 5 में से 4 लोग लॉकडाउन से प्रभावित, भारत के करीब 40 करोड़ मजदूर हो सकते हैं और गरीब : रिपोर्ट corona crisis ; corona ; coronavirus ; 4 out of every 5 people affected by lockdown worldwide, India may have nearly 400 million laborers and poor: report
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप और उससे निपटने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारत में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। इससे उनकी नौकरियों और कमाई पर बुरा असर पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनावायरस असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों को और गरीबी में धकेल देगा। बता दें कि भारत ने महामारी पर लगाम लगाने के लिए 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की है। आईएलओ ने कहा है कि भारत उन देशों शामिल है, जिसके पास हालात का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

दुनियाभर के 2.7 बिलियन श्रमिक प्रभावित
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि COVID-19 महामारी लॉकडाउन के कारण दुनियाभर में दो अरब से ज्यादा लोग अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं। दुनिया भर में पांच में से चार लोग ( 81 फीसदी) आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन से प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 संकट से पहले ही अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों श्रमिकों प्रभावित हो चुके हैं। जिनेवा में जारी आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार, 'कोरोना वायरस के कारण असंगठित क्षेत्र में काम करनेवाले करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। भारत, नाइजीरिया और ब्राजील में लॉकडाउन के कारण अंसगठित क्षेत्र में काम करनेवाले कामगारों पर ज्यादा असर पड़ा है।'

भारत के 90 फीसदी कामगार असंगठित क्षेत्र में हैं
रिपोर्ट के अनुसार, 'भारत में करीब 90 प्रतिशत लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। ऐसे में करीब 40 करोड़ कामगारों के रोजगार और कमाई प्रभावित होने की आशंका है। इससे वे गरीबी के दुश्चक्र में फंसते चले जाएंगे।' इसमें कहा गया है, 'भारत में मौजूदा लॉकडाउन का इन कामगारों पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है। कामकाज बंद होने से उनमें से कई अपने गांवों को लौट गए हैं।' आईएलओ ने यह भी कहा है कि दुनियाभर में इस संकट से कामगारों के काम के घंटों और कमाई पर असर पड़ेगा।

आईएलओ की रिपोर्ट में सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों को रेखांकित किया गया और संकट से पार पाने के लिए नीतिगत उपायों का सुझाव दिया गया है। संगठन के अनुसार संकट के कारण 2020 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.7 प्रतिशत कामकाजी घंटे समाप्त होने की आशंका है। यानी कोरोना वायरस महामारी के कारण केवल दूसरी तिमाही में ही 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं।

इन क्षेत्रों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
आईओएल की रिपोर्ट में इस संक्रमण से दुनिया भर के उन सेक्टरों और इलाकों का जिक्र है, जिन पर सबसे ज्यादा असर होगा। जिन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा असर होगा वे फूड सर्विस, मैन्यूफैक्चरिंग, रिटेल, बिजनेस और इससे जुड़े एडमिनिस्ट्रेटिव गतिविधियों से जुड़े होंगे। आईएलओ के डायरेक्टर जनरल गाई रायडर ने कहा कि कामगार और कारोबार दोनों इस वक्त भयावह वक्त का सामना कर रहे हैं। इसलिए संकट को खत्म करने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे। सही दिशा में उठाया गया कदम निर्णायक साबित होगा।



corona crisis ; corona ; coronavirus ; 4 out of every 5 people affected by lockdown worldwide, India may have nearly 400 million laborers and poor: report

Post a Comment

0 Comments