गुलजार (Gulzar) ने अपनी एक कविता 'बंटवारा' (Batwara) में वासी मजदूर (Migrating labours) की परेशानी और कोरोना के कहर को बयां किया है.
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गुलजार (Gulzar) ने अपनी एक कविता 'बंटवारा' (Batwara) में वासी मजदूर (Migrating labours) की परेशानी और कोरोना के कहर को बयां किया है.
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