धोनी के क्लब कोच ने कहा- वे अपने बारे में गलत बात बर्दाश्त नहीं कर सकते, उन्हें अहसास हो गया था कि सिलेक्टर्स अनदेखी करेंगे इसलिए रिटायरमेंट लिया

धोनी के क्लब कोच ने कहा- वे अपने बारे में गलत बात बर्दाश्त नहीं कर सकते, उन्हें अहसास हो गया था कि सिलेक्टर्स अनदेखी करेंगे इसलिए रिटायरमेंट लिया

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर दुनिया को इसकी जानकारी दी। 1996 से 2004 तक कमांडो क्रिकेट क्लब में धोनी के कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने धोनी के रिटायरमेंट पर कहा, ‘‘मैं उन्हें 2021 का टी-20 वर्ल्ड कप खेलते देखना चाहता था।’’

उन्होंने कहा कि धोनी फिट थे। उनका टी-20 में रिकॉर्ड भी शानदार रहा था। लेकिन, उन्हें अहसास हो गया था कि उनकी अनदेखी की जाएगी, इसलिए रिटायरमेंट लेना उन्होंने बेहतर समझा। धोनी के रिटायरमेंट, उनके खेल और व्यक्तित्व को लेकर उनके क्लब कोच ने भास्कर से खास बात की....

1. धोनी के रिटायरमेंट को आप किस तरह देख रहे हैं?
चंचल: महेंद्र सिंह धोनी को यह अहसास हो गया था कि सिलेक्टर्स उनके नाम पर विचार नहीं करेंगे। उन्होंने अब तक इंडिया की ओर से शान से खेला है। उनका वनडे में रिकॉर्ड शानदार रहा है। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड कप जीता और टेस्ट में भी आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन रही। ऐसे में वह अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने बिना किसी को कुछ कहे अचानक रिटायरमेंट की घोषणा कर दी।

2. क्या रिटायरमेंट को लेकर उन्होंने आपसे चर्चा की थी ?
चंचल: धोनी के रिटायरमेंट की घोषणा करना वाकई चौंकाने वाला है। धोनी ने रिटायरमेंट को लेकर कभी भी चर्चा नहीं की और उनसे बातचीत के दौरान भी यह अहसास नहीं हुआ कि वे रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं।

3. आपके मुताबिक, क्या धोनी के रिटायरमेंट लेने का यह सही समय है?
चंचल: मैं धोनी को 2021 टी-20 वर्ल्ड कप तक खेलते देखना चाहते था। वह फिट थे। टी-20 में उनका बेहतर रिकॉर्ड रहा है। उन्हें इंतजार करना चाहिए था। हालांकि, उन्हें टीम में अपनी अनदेखी का अंदाजा हो गया था। इसलिए ही उन्होंने बल्ला टांगने का फैसला किया।

4. क्या धोनी बचपन में भी इसी तरह चौंकाने वाला निर्णय लेते थे?
चंचल: जब तक वह मेरे क्लब में खेले, तब तक उन्होंने कभी चौंकाने वाला फैसला नहीं लिया। 2007 के बाद से उनके माइंड को पढ़ना मुश्किल था। कोई नहीं बता सकता है कि वह कब, क्या फैसला लेंगे। यही नहीं, वह सामने वाले के माइंड को पढ़ लेते हैं। उन्हें यह पता होता है कि सामने वाला उनको लेकर क्या सोच रहा है।

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चंचल भट्टाचार्य (दाएं) 1996 से 2004 तक कमांडो क्रिकेट क्लब में महेंद्र सिंह धोनी के कोच रहे थे। -फाइल फोटो

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