फ्रांस में टेक्निकल रूप से मंदी आ गई, मार्च तिमाही में जीडीपी 6 फीसदी गिरी, 1945 के बाद इकोनॉमी का सबसे बुरा प्रदर्शन
कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आने की आशंका के बीच फ्रांस में सचमुच और किताबी परिभाषा के अनुसार मंदी आ गई। बैंक ऑफ फ्रांस ने बुधवार को कहा कि जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में फ्रांस की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 1945 के बाद सबसे बुरा रहा। इस दौरान फ्रांस की जीडीपी में करब 6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में भी फ्रांस की जीडीपी 0.1 फीसदी घट गई थी। यानी फ्रांस की जीडीपी में लगातार दो तिमाही गिरावट दर्ज की गई। किताबी परिभाषा के मुताबिक अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों की गिरावट को मंदी कहते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि फ्रांस तकनीकी तौर पर मंदी में पहुंच गया।
मार्च के आखिरी दो सप्ताह में आर्थिक गतिविधियों में 32 फीसदी गिरावट
फ्रांस के केंद्रीय बैंक ने कहा कि मार्च के आखिरी दो सप्ताह में कोरोनावायरस का संकट और गहरा गया। आर्थिक गतिविधियों में 32 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। आर्थिक गतिविधियों में इतनी बड़ी गिरावट 1968 की दूसरी तिमाही में मई की राजनीतिक क्रांति के कारण दिखी थी। उस साल भी जीडीपी में 5.3 फीसदी ही गिरावट आई थी, जो ताजा आंकड़े से कम है।
लॉकडाउन के हर दो सप्ताह में 1.5 फीसदी घट जाएगी जीडीपी
बैंक ऑफ फ्रांस के अनुमान के मुताबिक फ्रांस में कोरोनावायरस के कारण जारी लॉकडाउन के हर दो सप्ताह में जीडीपी में 1.5 फीसदी की गिरावट आएगी। बैंक ने यह भी कहा कि गिरावट के स्तर में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, क्योंकि स्थिति निरंतर बदल रही है।
फ्रांस में 17 मार्च से 15 अप्रैल तक है लॉकडाउन
वायरस संक्रमण को रोकने के लिए फ्रांस में 17 मार्च का लॉकडाउन शुरू हुआ। लॉकडाउन की अवधि को बाद में दो सप्ताह और बढ़ाकर 15 अप्रैल तक कर दिया गया। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक देश में लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक कोरोनावायरस का सबसे बुरा असर निर्माण, परिवहन, रेस्तरां और लॉजिंग उद्योग पर पड़ा है।
फ्रांस में 10,000 से ज्यादा लोगों कीमौत
कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहां 78 हजार से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं। दुनियाभर में अब तक 13 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 75 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आने की आशंका के बीच फ्रांस में सचमुच और किताबी परिभाषा के अनुसार मंदी आ गई। बैंक ऑफ फ्रांस ने बुधवार को कहा कि जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में फ्रांस की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन 1945 के बाद सबसे बुरा रहा। इस दौरान फ्रांस की जीडीपी में करब 6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में भी फ्रांस की जीडीपी 0.1 फीसदी घट गई थी। यानी फ्रांस की जीडीपी में लगातार दो तिमाही गिरावट दर्ज की गई। किताबी परिभाषा के मुताबिक अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों की गिरावट को मंदी कहते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि फ्रांस तकनीकी तौर पर मंदी में पहुंच गया।
मार्च के आखिरी दो सप्ताह में आर्थिक गतिविधियों में 32 फीसदी गिरावट
फ्रांस के केंद्रीय बैंक ने कहा कि मार्च के आखिरी दो सप्ताह में कोरोनावायरस का संकट और गहरा गया। आर्थिक गतिविधियों में 32 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। आर्थिक गतिविधियों में इतनी बड़ी गिरावट 1968 की दूसरी तिमाही में मई की राजनीतिक क्रांति के कारण दिखी थी। उस साल भी जीडीपी में 5.3 फीसदी ही गिरावट आई थी, जो ताजा आंकड़े से कम है।
लॉकडाउन के हर दो सप्ताह में 1.5 फीसदी घट जाएगी जीडीपी
बैंक ऑफ फ्रांस के अनुमान के मुताबिक फ्रांस में कोरोनावायरस के कारण जारी लॉकडाउन के हर दो सप्ताह में जीडीपी में 1.5 फीसदी की गिरावट आएगी। बैंक ने यह भी कहा कि गिरावट के स्तर में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, क्योंकि स्थिति निरंतर बदल रही है।
फ्रांस में 17 मार्च से 15 अप्रैल तक है लॉकडाउन
वायरस संक्रमण को रोकने के लिए फ्रांस में 17 मार्च का लॉकडाउन शुरू हुआ। लॉकडाउन की अवधि को बाद में दो सप्ताह और बढ़ाकर 15 अप्रैल तक कर दिया गया। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक देश में लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक कोरोनावायरस का सबसे बुरा असर निर्माण, परिवहन, रेस्तरां और लॉजिंग उद्योग पर पड़ा है।
फ्रांस में 10,000 से ज्यादा लोगों कीमौत
कोरोनावायरस के कारण फ्रांस में 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहां 78 हजार से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं। दुनियाभर में अब तक 13 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 75 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
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