लॉकडाउन में मदद को आगे आई एयरलाइन्स कंपनियां, स्पाइसजेट ने यात्री विमान से की माल ढुलाई, इंडिगो मुफ्त पहुंचा रही राहत सामग्री
निजी विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने मंगलवार को देश की पहली कार्गो ऑन सीट फ्लाइट का संचालन किया है। कंपनी ने दावा किया है कि स्पाइसजेट ने देश में पहली बार ने यात्रियों के बैठने की जगह पर माल ढोया है। स्पाइसजेट की इस फ्लाइट में महत्वपूर्ण सप्लाई को यात्री केबिन और बेली स्पेस में रखकर दिल्ली से चेन्नई लाया गया है। एयरलाइन ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और नागर विमानन मंत्रालय की अनुमति के बाद अपने बोइंग 737 एनजी विमान को इस कार्य में लगाया था। नागर विमानन महानिदेशालय ने लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामानों की आपूर्ति सुचारू रखने के उद्देश्य से पिछले सप्ताह ही यात्री विमानों का इस्तेमाल कार्गो के लिए करने की अनुमति दी थी। स्पाइसजेट ने बताया कि चेन्नई जाने वाले इस विमान में सामान रखने के लिए बने 'बेली' के साथ ही केबिन में सीटों पर और सीटों के ऊपर बने दराजों में भी कार्गो रखा गया था। सीटों पर सामान रखने से पहले ऐसे कवर बिछाये गए थे, जिनमें आग नहीं लगती।
इंडिगो नि:शुल्क पहुंचा रही राहत सामग्री
वहीं, विमान सेवा कंपनी इंडिगो भी चिकित्सा तथा अन्य राहत सामग्री नि:शुल्क पहुंचा रही है। एयरलाइन ने मंगलवार को बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान अब तक 30 राहत उड़ानों का परिचालन किया है। इनमें खाद्य पदार्थ, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए गए हैं। कंपनी ने इनके परिवहन का पूरा खर्च स्वयं वहन किया है। इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्त ने कहा, 'हम अनुग्रहीत हैं कि लॉकडाउन के बावजूद हमें हमारे खर्च पर 30 आपात राहत उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गई। हमें पता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चिकित्सा आपूर्ति कितनी महत्वपूर्ण है। हम आभारी हैं कि इस इस आपूर्ति चेन में भूमिका निभाने का मौका दिया गया।'
लाइफलाइन उड़ान के तहत अब तक 200 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई
लॉकडाउन के दौरान चिकित्सा तथा अन्य जरूरी सामानों की सुचारु आपूर्ति के लिए शुरू की गई 'लाइफलाइन उड़ान' के तहत अब तक 200 टन राहत सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाई जा चुकी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज बताया कि सोमवार को 20 'लाइफलाइन उड़ान' से 15.54 टन अनिवार्य सामग्रियां भेजी गईं। गत 26 मार्च से छह अप्रैल तक कुल 200.20 टन सामान भेजा गया है। इनमें मुख्य रूप से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के कंसाइनमेंट हैं। मंत्रालय ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत सोमवार को वायु सेना के विमानों ने 13, अलायंस एयर ने चार और एयर इंडिया ने तीन उड़ानें भरीं। इस प्रकार 12 दिन 152 उड़ानों का परिचालन 'लाइफलाइन उड़ान' के अंतर्गत किया गया है जिन्होंने 1,32,029 किलोमीटर की दूरी तय की है।

निजी विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने मंगलवार को देश की पहली कार्गो ऑन सीट फ्लाइट का संचालन किया है। कंपनी ने दावा किया है कि स्पाइसजेट ने देश में पहली बार ने यात्रियों के बैठने की जगह पर माल ढोया है। स्पाइसजेट की इस फ्लाइट में महत्वपूर्ण सप्लाई को यात्री केबिन और बेली स्पेस में रखकर दिल्ली से चेन्नई लाया गया है। एयरलाइन ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और नागर विमानन मंत्रालय की अनुमति के बाद अपने बोइंग 737 एनजी विमान को इस कार्य में लगाया था। नागर विमानन महानिदेशालय ने लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामानों की आपूर्ति सुचारू रखने के उद्देश्य से पिछले सप्ताह ही यात्री विमानों का इस्तेमाल कार्गो के लिए करने की अनुमति दी थी। स्पाइसजेट ने बताया कि चेन्नई जाने वाले इस विमान में सामान रखने के लिए बने 'बेली' के साथ ही केबिन में सीटों पर और सीटों के ऊपर बने दराजों में भी कार्गो रखा गया था। सीटों पर सामान रखने से पहले ऐसे कवर बिछाये गए थे, जिनमें आग नहीं लगती।
इंडिगो नि:शुल्क पहुंचा रही राहत सामग्री
वहीं, विमान सेवा कंपनी इंडिगो भी चिकित्सा तथा अन्य राहत सामग्री नि:शुल्क पहुंचा रही है। एयरलाइन ने मंगलवार को बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान अब तक 30 राहत उड़ानों का परिचालन किया है। इनमें खाद्य पदार्थ, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए गए हैं। कंपनी ने इनके परिवहन का पूरा खर्च स्वयं वहन किया है। इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्त ने कहा, 'हम अनुग्रहीत हैं कि लॉकडाउन के बावजूद हमें हमारे खर्च पर 30 आपात राहत उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गई। हमें पता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चिकित्सा आपूर्ति कितनी महत्वपूर्ण है। हम आभारी हैं कि इस इस आपूर्ति चेन में भूमिका निभाने का मौका दिया गया।'
लाइफलाइन उड़ान के तहत अब तक 200 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई
लॉकडाउन के दौरान चिकित्सा तथा अन्य जरूरी सामानों की सुचारु आपूर्ति के लिए शुरू की गई 'लाइफलाइन उड़ान' के तहत अब तक 200 टन राहत सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाई जा चुकी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज बताया कि सोमवार को 20 'लाइफलाइन उड़ान' से 15.54 टन अनिवार्य सामग्रियां भेजी गईं। गत 26 मार्च से छह अप्रैल तक कुल 200.20 टन सामान भेजा गया है। इनमें मुख्य रूप से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के कंसाइनमेंट हैं। मंत्रालय ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत सोमवार को वायु सेना के विमानों ने 13, अलायंस एयर ने चार और एयर इंडिया ने तीन उड़ानें भरीं। इस प्रकार 12 दिन 152 उड़ानों का परिचालन 'लाइफलाइन उड़ान' के अंतर्गत किया गया है जिन्होंने 1,32,029 किलोमीटर की दूरी तय की है।
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